मंडी। उप- तहसील औट के सेवानाला (पनारसा) गांव से दो हफ्ते पहले अगवा हो गई नाबालिगा के मामले में अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं हो पाई है। जिसके चलते पीडिता के परिजनों ने शुक्रवार को जिला पुलिस अधीक्षक से गुहार लगाई है। जिस पर उप- अधीक्षक मुख्यालय ने औट थाना को इस मामले में तुरंत प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिए हैं। जानकारी के अनुसार विगत 26 नवंबर को उप- तहसील औट के सेवानाला(पनारसा) गांव की सातवीं कक्षा में पढने वाली एक नाबालिगा रहस्यमयी परिस्थितियों में अपने घर से गायब हो गई। जब परिजन काम से अपने घर लौटे तो पीडिता घर में नहीं मिली। जिस पर उन्होने अगले दिन सभी रिश्तेदारों व जान पहचान के लोगों से पीडिता की खोजबीन की लेकिन उसका कोई पता नहीं चल सका। गांव की एक महिला ने उन्हे सूचित किया कि पीडिता ने उनको फोन करके बताया है कि वह हमीरपूर में ठीक ठाक है। जिस पर परिजनों को संदेह हुआ कि पीडिता को शादी का झांसा देकर अगवा कर लिया है। ऐसे में उन्होने 29 नवंबर को औट थाना में प्राथमिकी दर्ज करने की अर्जी दी थी। लेकिन पुलिस ने अभी तक मामला दर्ज नहीं किया है। पीडिता के पिता हुक्कम राम ने बताया कि हालांकि पुलिस पीडिता को ढुंढने के लिए नालागढ और जिला हमीरपूर गई थी। हमीरपूर के नजदीक एक गांव में पुलिस एक मकान में गई थी। जहां उन्हे बताया गया था कि पीडिता वहीं पर है। लेकिन पुलिस पीडिता को बरामद करके उन्हे नहीं सौंप पाई। औट थाना पुलिस के प्राथमिकी दर्ज न करने पर परिजनों ने जिला पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में न्याय की गुहार लगाई। जिस पर जिला पुलिस उपाधीक्षक आशीष शर्मा ने औट थाना पुलिस को इस मामले में तुरंत प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिए हैं। संपर्क करने पर उन्होने बताया कि संबंधित थाना को इस बारे में आवश्यक निर्देश दिए हैं। उन्होने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
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