मंडी। वनमंडलाधिकारी करसोग के कार्यालय में प्रवेश करके उनसे मारपीट करने और संपती का नुकसान करने के 13 आरोपियों को अदालत ने तीन-2 माह के कठोर कारावास और 1,17,000 रूपये जुर्माने की सजा सुनाई। आरोपियों से प्राप्त हुई राशि में से एक लाख रूपये की राशि वनमंडलाधिकारी करसोग प्रताप सिंह वर्मा को हर्जाने के रूप में अदा की जाएगी। न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी करसोग सुर्य प्रकाश के न्यायलय ने इस मामले के आरोपी मेघ सिंह, बोध राज, चुनी लाल, सरन दास, मोहिन्द्र लाल, हरबर सिंंह, निर्मल कुमार, कमला देवी, मोती राम, तेज राम वर्मा, बालक राम, तारा चंद और नत्था सिंह के खिलाफ भादंस की धारा 147,149,332,353,504,506 और पीडीपी अधिनियम की धारा 3 के तहत अभियोग साबित होने पर उन्हे उक्त कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई। विभिन्न धाराओं के तहत सुनाई गई सजाएं एक साथ चलेंगी। अभियोजन पक्ष के अनुसार 21 जुलाई 2009 को आरोपी ने मिल कर वनमंडलाधिकारी करसोग प्रताप सिंह वर्मा के कार्यालय में प्रवेश किया और वहां कई अपराध घटित किये। आरोपियों ने वनमंडलाधिकारी के साथ गालीगलौच किया और उन्हे धमकियां देकर डयुटी का निर्वहन करने से रोका। इतना ही नहीं उक्त आरोपियों ने वनमंडलाधिकारी के साथ मारपीट भी की और कार्यालय में सरकारी संपति को नुकसान पहुंचाया। करसोग थाना पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करके अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए सहायक लोक अभियोजक शशी कांत ने इस मामले में 16 गवाहों के बयान कलमबंद करवाए। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य होने के कारण अभियोग साबित हुआ है। जिसके चलते अदालत ने आरोपियों को उक्त कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया। आरोपियों से प्राप्त होने वाली जुर्माना राशि में से एक लाख रूपये शिकायतकर्ता डीएफओ प्रताप सिंह वर्मा के पक्ष में अदा किया जाएगा।
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