Sunday, 11 November 2012

तिब्बती नागरिक को ओवर स्टे करने पर 6 माह के कारावास 5000 रूपये जुर्माने की सजा


मंडी। विदेशी अधिनियम के तहत निश्चित समय से अधिक भारत में रहने के आरोप में अदालत ने एक तिब्बती नागरिक को 6 माह के साधारण कारावास और 5000 रूपये जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया। जुर्माना राशि निश्चित समय में अदा न करने पर उसे 15 दिन के अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। वहीं पर अदालत ने जेल अथारिटी को आरोपी को वापिस अपने देश भेजने की प्रक्रिया भी शुरू करने के आदेश दिये हैं। न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर एक प्रवीण चौहान के न्यायलय ने तिब्बत निवासी शेरिंग ढोंडुट पुत्र सीनन डर्गाजल के खिलाफ विदेशी अधिनियम की धारा 14 के तहत अभियोग साबित होने पर उक्त सजा का फैसला सुनाया। अभियोजन पक्ष के अनुसार मुख्य आरक्षी अनिल कुमार ने जिला पुलिस अधीक्षक को उक्त तिब्बती निवासी के निश्चित समय से अधिक अर्से तक देश में रहने के आरोप में शिकायत दी थी। शिकायत के अनुसार तिब्बती निवासी की आर सी 13 अक्तुबर 2011 तक वैध थी। लेकिन जब वह निश्चित समय सीमा के 10 महीने बाद जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पहुंचा। पुलिस ने उसको भारत में ओवर स्टे करने के आरोप में विदेशी अधिनियम के तहत हिरासत में लिया था। आरोपी तिब्बती नागरिक ने आर सी का नवीनीकरण न करवाने और ओवर स्टे को मानते हुए अपने जुर्म का इकबाल अदालत में कर लिया। जिसके चलते अदालत ने अपने फैसले में कहा कि आरोपी ने विदेशी अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए ओवर स्टे किया है। सजा की अवधी पर हुई सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष का कहना था कि आरोपी तिब्बती शरणार्थी है जिसके कारण उसके प्रति नरम रूख अपनाया जाए। जबकि अभियोजन पक्ष की ओर सहायक लोक अभियोजक अजय ठाकुर का कहना था कि तिब्बती शरर्णाथी विदेशी अधिनियम के तहत आते हैं इसलिए उचित सजा दी जाए। अदालत ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद उक्त सजा का फैसला सुनाया। वहीं पर तिब्बती नागरिक को उसके देश वापिस भेजने की प्रक्रिया भी शुरू करने के निर्देश दिये हैं।

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