Thursday, 13 June 2013

छेडखानी का आरोपी अभियोग साबित न होने पर बरी


मंडी। महिला से छेडखानी का अभियोग साबित न होने पर अदालत ने एक आरोपी को बरी करने का आदेश दिया। अदालत ने आरोपी के खिलाफ संदेह की छाया से दूर अभियोग साबित न होने पर उसे बरी करने का फैसला सुनाया। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अजय मेहता के न्यायलय ने सरकाघाट तहसील के घरवासडा निवासी कुंडल राज केहर सिंह पुत्र दिवान चंद के खिलाफ भादंसं की धारा 354 के तहत अभियोग साबित न होने के कारण उसे बरी कर दिया। अभियोजन पक्ष के अनुसार पहली अप्रैल 2010 को पीडित महिला रिवालसर पुलिस चौकी को जाने के लिए गुरूकोठा में बस का इंतजार कर रही थी। इसी दौरान आरोपी वहां पर आया और महिला से छेडखानी तथा मारपीट की। रिवालसर चौकी पुलिस ने महिला की शिकायत पर मामला दर्ज करके अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले में 7 गवाहों के बयान कलमबंद करवाए गए जबकि बचाव पक्ष की ओर से भी एक गवाह ने अदालत में गवाही दी। इस मामले में बचाव पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता मनीष भारद्वाज का कहना था कि अभियोजन की ओर से प्रस्तुत किये गए साक्ष्यों से आरोपी पर अभियोग साबित नहीं होता। इसके अलावा आरोपी ने भी पीडित महिला और उसके पति के खिलाफ मारपीट की क्रास प्राथमिकी दर्ज करवाई थी। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपी के खिलाफ संदेह की छाया से दूर अभियोग साबित नहीं हुआ है। ऐसे में अदालत ने आरोपी को संदेह का लाभ देते हुए बरी करने का फैसला सुनाया।

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