Wednesday, 5 June 2013

सोचिये, खाईये और बचाइये पर अदालत में गोष्ठी आयोजित


मंडी। विश्व पर्यावरण दिवस पर जिला विधिक प्राधिकरण की ओर से एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिला न्यायलय के बार रूम में आयोजित इस गोष्ठी की अध्यक्षता न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर दो रमणीक शर्मा ने की। इस अवसर पर संबोधित करते हुए उन्होने इस वर्ष के पर्यावरण थीम थिंक, ईट और सेव (सोचो, खाओ और बचाओ) पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विश्व में इस समय खादय पदार्थों का संकट है। लेकिन खाद्य पदार्थों का भारी मात्रा में दुरूपयोग और नुकसान होता है। आवश्यकता से अधिक खाद्य पदार्थों को फैंक दिया जाता है। जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। जिला बार एसोसिएशन के प्रधान एस पी परमार ने कहा कि पर्यावरण दिवस के अवसर पर हिरोशिमा और नागासाकी जैसे हादसों से सबक लेना चाहिए। आज के दिन हमें लोगों को पर्यावरण के प्रति प्रेरित करना चाहिए। एसोसिएशन के पुर्व प्रधान ललित कपूर ने कहा कि ओजोन परत में छेद होने से गलोबल वार्मिंग हो रही है। वहीं पर बढती आबादी और पर्यावरण मित्र योजनाएं लागू न होने से भी पर्यावरण पर गल्त प्रभाव पड रहा है। अधिवक्ता महेश चंद्र शर्मा ने भोपाल गैस कांड का जिक्र करते हुए कहा कि इस घटना के बाद पहली बार पर्यावरण के लिए देश में कानून बनाया गया। लेकिन निजी कंपनियों ने पर्यावरण से छेडछाड करने में कोई कसर नहीं रखी है। अधिवक्ता सतीश कौशल का कहना था कि पर्यावरण का नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ कडा जुर्माना और सजा होनी चाहिए। जिससे कुछ लोगों के स्वार्थवश पर्यावरण की हानी न उठानी पडे। बैठक का संचालन करते हुए पैरा लीगल वालंटियर समीर कश्यप ने इस साल के विश्व पर्यावरण दिवस की थीम के बारे में बताया कि हर साल 1.3 बिलियन टन खाना नष्ट हो जाता है। दुनिया के सात में से एक आदमी भुखा सोता है और 5 साल के नीचे की आयु के 20,000 बच्चे हर रोज भुख से मर जाते हैं। उन्होने मुख्य अतिथि और जिला बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों व सदस्यों का गोष्ठी में भाग लेने के लिए धन्यावाद किया।

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