Sunday, 7 August 2011

हिमाचल परिवहन निगम को 10 हजार हर्जाना ठोंका


मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने हिमाचल परिवहन निगम की सेवाओं में कमी आंकते हुए उपभोक्ता के पक्ष में बस के किराए सहित 10 हजार हर्जाना राशी अदा करने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा निगम को उपभोकता के पक्ष में टैक्सी किराए के तौर पर 900 रूपये और 3000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिए। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारद्वाज और सदस्यों लाल सिंह व रमा वर्मा ने सदर उपमंडल के भंगरोटू निवासी नरेन्द्र कुमार पुत्र हेम सिंह के पक्ष में फैसला सुनाते हुए प्रदेश परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक, शिमला के मंडल प्रबंधक, नाहन डिपो के क्षेत्रिय प्रबंधक और नाहन डिपो की मनाली-देहरादून के परिचालक जगत किशोर को उक्त आदेश जारी किए। फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता पेशे से वकील हैं। उन्हें 6 जून 2010 को अपने कलाईंट से मिटिंग के सिलसिले में चंडीगढ जाना था। जिसके लिए उन्होने मनाली से चंडीगढ बस पर 5 जून की रात को यात्रा करने का निर्णय लिया। यह बस मंडी से 10.30 बजे चलनी थी। लेकिन लेट होने के कारण 12.30 बजे नेरचौक पहुंची। इसके बाद बस सुंदरनगर में एक ढाबे के पास करीब आधा घंटे तक रूकी रही। बस धीमी गति से चल रही थी और जैसे ही बस सलापड के पास पहुंची तो इसका पिछला टायर ख्रराब हो गया। जो सुबह 5.30 बजे ठीक हो पाया। इस दौरान यात्रियों जिनमें महिलाएं और उम्रदराज लोग भी थे को सलापड में ही उतार दिया गया। उपभोक्ता को चंडीगढ पहुंचने में देरी होने की संभावना के कारण उन्होने कंडक्टर से टिकट कैंसिल करने को कहा तो उन्होने इंकार कर दिया। जिस पर उपभोकता को टैक्सी लेकर घर लौटना पडा। फोरम ने अपने फैसले में यात्रियों की परेशानियों को सामने लाने के लिए उपभोक्ता की प्रशंसा की। जबकि निगम की सेवाओं में कमी के चलते उपभोक्ता को पहुंची मानसिक परेशानी के बदले किराया, हर्जाना और शिकायत व्यय अदा करने के आदेश दिए।

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