मंडी। उच्च न्यायलय के सेवानिवृत न्यायमूर्ति ए एल वैद्या का बुधवार को देहांत हो गया। उनका अंतिम संस्कार व्यास नदी के किनारे हनुमान घाट में किया गया। न्यायमूर्ति की अंतिम यात्रा में प्रदेश के अलग- अलग जगहों से आए न्यायधीशों, अधिवक्ताओं, गणमान्य नागरिकों, अधिकारियों सहित सैंकडों लोगों ने भाग लिया। बुधवार को मंडी से संबंध रखने वाले सेवानिवृत न्यायमुर्ति ए एल वैद्या का चंडीगढ में देहांत हो गया। वह पिछले कुछ अरसे से बीमार चल रहे थे। चंडीगढ से उनके पार्थिव शरीर को मंडी में उनके पैतृक घर में लाया गया। न्यायमुर्ति वैद्या 76 वर्ष के थे। मंडी में अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद अपने समय के मशहूर एडवोकेट हीरालाल वैद्या के पुत्र ए एल वैद्या ने भी कानून की ही पढाई करके कुछ समय तक मंडी कोर्ट में वकालत की। जिसके बाद वह न्यायिक अधिकारी के रूप में न्यायिक सेवा में तैनात हुए। वह मंडी में अतिरिकत जिला एवं सत्र न्यायधीश के रूप में भी कुछ समय कार्यरत रहे। इसके बाद वह हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्युनल के अध्यक्ष के तौर पर भी तैनात रहे। वह प्रदेश उच्च न्यायलय के न्यायमुर्ति के पद से सेवानिवृत हुए थे। बुधवार को उनके अंतिम संस्कार में न्यायमुर्ति के बडे पुत्र अतिरिकत जिला एवं सत्र न्यायधीश पुरेन्द्र वैद्या ने उनके पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी। प्रदेश उच्च न्यायलय और मुख्य न्यायधीश कुरियन जोसेफ की ओर से रजिस्ट्रार जनरल धर्म चंद चौधरी, जिला एवं सत्र न्यायधीश मंडी वीरेन्द्र सिंह व जिला एवं सत्र न्यायधीश कुल्लू बलदेव सिंह, लेबर कोर्ट के पीठासीन अधिकारी चिरागभानू सिंह, उपायुक्त मंडी और जिला पुलिस अधीक्षक, कई पूर्व जिला एवं सत्र न्यायधीशों सहित मंडी, कुल्लू, कांगडा जिला के न्यायधीशों और अधिवक्ताओं सहित सैंकडों लोगों ने उनकी अंतिम यात्रा में भाग लिया। इधर, जिला बार एसोसिएशन के प्रधान धर्म चंद गुलेरिया की अध्यक्षता में एक शोक सभा आयोजित की गई। जिसमें न्यायमुर्ति के शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए एक शोक प्रस्ताव प्रेषित किया गया।
No comments:
Post a Comment