Monday, 1 August 2011

तिब्बति निवासी ने जाली प्रमाण पत्र से अपने नाम की जमीन


मंडी। तिब्बति मूल के एक निवासी द्वारा जाली प्रमाण पत्र से रिवालसर में जमीन अपने नाम करवाने का मामला सामने आया है। विजिलेंस ने करीब 3 साल लंबी जांच प्रक्रिया के बाद तिब्बती निवासी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। विजिलेंस विभाग मामले की तफ्तीश में जुट गया है। जानकारी के अनुसार जम्मू- कश्मीर के जिला लेह के छुछोट योकमा निवासी मिंगचुंग दोरजे पुत्र टशी ने वहां के स्थानिय प्रशासन से साल 2004 में स्थाई निवासी का एक जाली प्रमाण पत्र हासिल किया था। जबकि मिंगचुंग मूल रूप से तिब्बत का निवासी है। मिंगचुंग को लेह निवासी कुसुबकुला ने रिवालसर में स्थित अपनी 2-0-9 बीघा जमीन की वसीयत कर दी थी। गैर हिमाचली और कृषक प्रमाण पत्र न होने के कारण मिंगचुंग ने धारा 118 के तहत सरकार से अनुमति मांगी थी। सरकार ने उकत प्रमाण पत्र के आधार पर मिंगचुंग को धारा 118 के तहत अनुमति भी दे दी थी। इसी बीच मिंगचुंग के तिब्बति नागरिक होने के बारे में साल 2008 में विजिलेंस विभाग को शिकायत मिली। विभाग ने इस बारे में अपनी जांच शुरू कर दी थी। जांच पूरी होने पर विजिलेंस के मंडी थाना ने मिंगचुंग के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है। विजिलेंस के मंडी थाना के निरिक्षक हेमंत ठाकुर ने मिंगचुंग के खिलाफ मामला दर्ज होने की पुष्टि की है। उन्होने बताया कि जांच पूरी होने पर विजिलेंस ने मिंगचुंग के खिलाफ भादंसं की धारा 420,468,471 और 120-बी के तहत मामला दर्ज किया है। उन्होने कहा कि इस मामले की तफतीश जारी है।

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