मंडी। देवदार के 180 नग चोरी करके तस्करी करने के तीन आरोपियों को अदालत ने एक-एक साल के साधारण कारावास की सजा का फैसला सुनाया। इसके अलावा आरोपियों को जुर्माना राशि भी अदा करने के आदेश दिये। मुखय न्यायिक दंडाधिकारी अजय मैहता के न्यायलय ने आरोपी पंकज कुमार, राम पाल और हरी सिंह के खिलाफ भादंस की धारा 379 और भारतीय वन अधिनियम की धारा 41 और 42 के तहत अभियोग साबित होने पर क्रमश: एक साल और 6 महिने के साधारण कारावास और क्रमश: 5000 रूपये और 500 रूपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना अदा न करने की सूरत में आरोपियों को क्रमश: तीन माह और एक माह के अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। आरोपी राम पाल और हरी सिंह पर अपनी पहचान छिपाने का अभियोग भादंस की धारा 419 के तहत साबित होने पर छह माह के साधारण कारावास और 500 रूपये जुर्माने की सजा भी सुनाई। वहीं पर आरोपी राम पाल के खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम की धारा 181 के तहत बिना लाईसैंस के वाहन चलाने का अभियोग साबित होने पर 500 रूपये जुर्माने की सजा सुनाई। इन धाराओं के तहत जुर्माना राशि अदा न करने पर आरोपियों को क्रमश: एक माह और 7 दिन की अतिरिक्त कारावास भुगतनी होगी। ये सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपियों पर 26 फरवरी 2005 को खलियार में कटौला को जाने वाली सडक के पास ट्रक में देवदार के 180 नग तस्करी करते हुए पाये जाने का अभियोग संदेह की छाया से दूर साबित हुआ है। वहीं पर दो आरोपियों पर अपनी पहचान छिपाने का भी अभियोग साबित हुआ है। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए सहायक लोक अभियोजक राजरानी ने 16 गवाहों के बयान कलमबंद करवा कर अभियोग को साबित किया। अभियोजन पक्ष का इस मामले में कहना था कि उक्त दिन सदर थाना पुलिस के दल एसआई शमशेर सिंह की अगुवाई में खलियार के पास कटौला को जाने वाले रास्ते के पास नाका लगाया हुआ था। इसी दौरान कटौला की ओर से आ रहे ट्रक की तलाशी लेने पर देवदार के नग बरामद हुए थे। जिस पर पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था।
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