मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने विक्रेता और निर्माता को उपभोक्ता के पक्ष में नये जूतों की जोडी 30 दिनों के भीतर देने का फैसला सुनाया। इसके अलावा सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई परेशानी के बदले 2000 रूपये हर्जाना और 1000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिये। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष जे एन यादव और सदस्य रमा वर्मा ने मंडी के रामनगर निवासी लविन्द्र सिंह पुत्रजय इन्द्र पाल सिंह की शिकायत को उचित मानते हुए मोती बाजार के सेन कंपलेक्स स्थित मैसर्ज हरीश ट्रेडर्ज के हरीश गुप्ता और नयी दिल्ली के मथुरा रोड स्थि मिर्जा इंटरनेशनल लिमिटेड को 30 दिनों के भीतर बिना कोई कीमत वसूले उसी माडल का नया जूता देने के आदेश दिये। ऐसा न करने पर उन्हे जूतों की कीमत 2900 रूपये 30 दिनों के भीतर अदा करनी होगी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि घटिया क्वालिटी के जूतों का निर्माण करना और उन्हे बेचना निर्माता और विक्रेता की सेवाओं में कमी को दर्शाता है। अधिवक्ता कैलाश बैहल के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता जयइन्द्र पाल सिंह ने अपने बेटे लविन्द्र सिंह के लिए विक्रेता से 24 अक्तूबर 2012 को रेड टेप जूतों की एक जोडी खरीदी थी। जिसके लिए उन्हे 6 महीने की वारंटी दी गई थी। उपभोक्ता के बेटे ने मात्र तीन बार ही इन जूतों को पहनने के लिए प्रयोग किया। लेकिन 9 नवंबर को ही जूते एडी और टखने के पास से फट गए। ऐसे में उन्होने विक्रेता को संपर्क किया तो उन्होने कहा कि इन जूतों को निर्माता ही वापिस ले सकते हैं। जिसके चलते उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम ने शिकायत के फैसले में विक्रेता और निर्माता की खराब जूते बेचने की कार्यप्रणाली को सेवाओं में कमी करार देते एक माह में नये जूते देने अथवा इसकी मूल्य राशि अदा करने के आदेश दिये। वहीं पर उनकी सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को पहुंची मानसिक यंत्रणा और असुविधा के एवज में हर्जाना राशि और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।
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