मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने विक्रेता को उपभोक्ता के वाहन की 1,70,000 रूपये मार्जिन मनी ब्याज सहित लौटाने का फैसला सुनाया। इसके अलावा विक्रेता की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई मानसिक परेशानी के बदले 1,00,000 रूपये हर्जाना और 2000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिये। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष जे एन यादव और सदस्य रमा वर्मा ने लडभडोल तहसील के भ्राण (ऊटपुर) निवासी सपना देवी पत्नी संजय कुमार की शिकायत को उचित मानते हुए मंडी के लुनापानी स्थित वाहन विक्रेता मैसर्ज सतलुज मोटरस को उपभोक्ता के पक्ष में उक्त राशि 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित अदा करने का फैसला सुनाया। अधिवक्ता देविन्द्र शर्मा के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने बेरोजगार होने के कारण अपनी जीविका कमाने के लिए उक्त विक्रेता से टाटा सफारी डिकोर वाहन खरीदा था। उपभोक्ता ने विक्रेता को 1,70,000 रूपये मार्जिन मनी अदा की थी। जबकि बकाया राशि वितिय कंपनी को अदा की जानी थी। वाहन की डिलीवरी लेने के कुछ समय बाद ही इसमें खराबी आ गयी। जिसके चलते उपभोक्ता ने वाहन को विक्रेता के पास ठीक करने को दिया था। लेकिन इसके बाद विक्रेता ने वाहन को ठीक करके उपभोक्ता को नहीं लौटाया। ऐसे में उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि विक्रेता ने यह माना है कि उक्त वाहन उपभोक्ता ने विक्रेता सेे मार्जिन मनी अदा करके खरीदा था। विक्रेता इस बेच दिये गए वाहन का कब्जा कानून के प्रावधानों के तहत ही ले सकता था। अगर उपभोक्ता ने वाहन की कोई बकाया राशि अदा न की थी तो भी विक्रेता को राशि की वसूली के लिए कानूनी कार्यवाही करनी चाहिए थी। कानून के किसी प्रावधान में विक्रेता को यह अधिकार नहीं है कि वह बिना कार्यवाही के वाहन को अपने कब्जे में लेे। उपभोक्ता का वाहन वापिस न लौटाना विक्रेता की सेवाओं में कमी को दर्शाता है। ऐसे में फोरम ने विक्रेता को उपभोक्ता के वाहन की मार्जिन मनी ब्याज सहित लौटाने के आदेश दिये।
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