Wednesday, 28 September 2011

मिलावटी घी बेचने के दो आरोपियों को 6-6 माह के कारावास की सजा


मंडी। मिलावटी घी बेचने के दो आरोपी दुकानदारों को अदालत ने 6-6 माह के साधारण कारावास और पांच-पांच हजार रूपये जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है। आरोपियों के जुर्माना राशी निश्चित समय में अदा न करने पर उन्हे एक-एक माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर 2 राजेश चौहान के न्यायलय ने महाजन बाजार स्थित मैसर्ज मनोहर लाल एंड संस के साझेदारों विजय कुमार और दिनेश कुमार के खिलाफ मिलावटी खाद्य निरोधक अधिनियम के तहत अभियोग साबित होने पर उक्त फैसला सुनाया। अभियोजन पक्ष के अनुसार 29 मार्च 2003 को खाद्य निरिक्षक जगदीश धीमान ने जागर में स्थित मैसर्ज सकलानी ट्रेडर्स की दुकान से रूची नंबर 1 वनस्पती घी के 3 सीलबंद पैकेट खरीदे। घी के नमूने को परीक्षण के लिए कंडाघाट प्रयोगशाला को भेजा गया। प्रयोगशाला की रिर्पोट के मुताबिक नमूने वाले घी का गलनांक बिन्दू 45 डिग्री था जबकि यह अधिकतम 41 डिग्री होना चाहिए था। जिसके आधार पर घी को मिलावटी माना गया। रिपोर्ट मिलने पर इस बारे में मुख्य चिकित्सा अधिकारी से लिखित सहमती लेने के बाद अदालत में अभियोग चलाया गया। अदालत में कार्यवाही के दौरान मैसर्ज सकलानी ट्रेडर्ज की ओर से अर्जी दी गई जिसमें उन्होने यह घी मैसर्ज नरूला ट्रेडर्ज से खरीदना बताया। जिस पर नरूला ट्रेडर्ज को भी इस मामले का आरोपी बनाया गया। नरूला ट्रेडर्ज की ओर से भी अदालत में अर्जी दी गई कि यह घी उन्होने मैसर्ज मनोहर लाल एंड संस से खरीदा था। जिस पर अदालत ने उक्त सभी आरोपियों के खिलाफ अभियोग चलाया था। इस मामले में अभियोजन पक्ष की पैरवी खाद्य निरिक्षक एल डी ठाकुर ने की। अदालत ने सकलानी ट्रेडर्ज और नरूला ट्रेडर्ज के खिलाफ मामला साबित न होने पर उन्हें बरी कर दिया। जबकि मैसर्ज मनोहर लाल एंड संस के साझेदारों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य होने के कारण उक्त कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया गया।  

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