Tuesday, 13 September 2011

चरस तस्करी का आरोपी बरी


मंडी। चरस तस्करी के आरोपी के खिलाफ अभियोग साबित न होने पर अदालत ने उसे बरी करने का फैसला सुनाया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अदालत में पेश किए गए साक्ष्यों के आधार पर आरोपी पर संदेह की छाया से दूर अभियोग साबित नहीं हो पाया। फास्ट ट्रैक कोर्ट के पीठासीन अधिकारी जे एन यादव के न्यायलय ने महाराष्ट्र के रोहित कुमार के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 20 के तहत अभियोग साबित न होने पर उसे बरी करने का फैसला सुनाया। अभियोजन पक्ष के अनुसार इसी साल 10 फरवरी को पुलिस का दल ए एस आई राम लाल की अगुवाई में सुककी बाईं के पास गश्त पर तैनात था। इसी दौरान एक व्यक्ति की तलाशी लेने पर उसके शरीर से बंधी 320 ग्राम चरस बरामद हुई थी। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन की ओर से इस मामले में 10 गवाहों के बयान कलम बंद करवाए गए। लेकिन बचाव पक्ष के अधिवक्ता दीपक शर्मा का कहना था कि अभियोजन पक्ष के गवाहों ने आपस में विरोधाभासी ब्यान दर्ज करवाए हैं। जिससे आरोपी पर दोष साबित नहीं होता। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि गवाहों के मौकास्थल से संबंधित बयानों में विरोधाभास है। इसके अलावा अभियोजन द्वारा पेश किए गए साक्ष्यों से आरोपी पर संदेह की छाया से दूर अभियोग साबित नहीं हुआ। ऐसे में आरोपी को संदेह का लाभ देते हुए अदालत ने उसे बरी करने का फैसला सुनाया।

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