मंडी। नकली पुलिस अधिकारी बनने का अभियोग साबित होने पर अदालत ने एक आरोपी को तीन माह के कारावास का फैसला सुनाया। जबकि मारपीट करने के दो आरोपियों को अदालत ने 6-6 माह के कारावास की सजा सुनाई है। न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर दो राजेश चौहान के न्यायलय ने जिला बिलासपूर के बंदला निवासी गोरख सिंह के खिलाफ भांदंसं की धारा 170 के तहत नकली पुलिस अधिकारी बनने का अभियोग साबित होने पर उसे तीन माह के साधारण कारावास और 3000 रूपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना राशी निश्चित समय में अदा न करने पर आरोपी को एक माह की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। अभियोजन पक्ष के अनुसार आरोपी नकली आई कार्ड अपने पास रख कर आईपीएस अधिकारी बन कर घूम रहा था। जिसके चलते उसे मंडी के बस अडडा से हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। इस मामले में अभियोजन की ओर से 3 गवाह पेश करके अभियोग को साबित किया। एक अन्य मामले में इसी अदालत ने नसधरा(कुफरी) गांव निवासी खेम सिंह और शेर सिंह के खिलाफ भादंसं की धारा 324,341 और 506 के तहत अभियोग साबित होने पर क्रमश: 6 माह, एक माह और 2 माह की साधारण कारावास और 5000 रूपये, 500 और 3000 रूपये जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया। जुर्माना राशी निश्चित समय में अदा न करने पर आरोपियों को क्रमश: तीन माह, सात दिन और 15 दिनों की अतिरिकत कारावास की सजा भुगतनी होगी। अभियोजन पक्ष के अनुसार आरोपियों ने एक दिसंबर 2001 को नरपत के साथ डंडे और चाकू से मारपीट करके घायल कर दिया था। जिस पर पुलिस ने उन पर मामला दर्ज करके अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी कर रही सहायक लोक अभियोजक राजरानी ने इन मामलों को साबित किया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य होने के कारण उक्त कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया।
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