Monday, 19 September 2011

सेवाओं में कमी टायर निर्माता और विक्रेता पर पडी भारी


मंडी। सेवाओं में कमी के चलते उपभोक्ता को हुई परेशानी टायर निर्माता और विक्रेता को भारी पड़ी। जिला उपभोक्ता फोरम ने टायर निर्माता और विक्रे ता को उपभोक्ता के ट्रैक्टर के दो टायर 30 दिनों में बदलने के आदेश दिए हैं। ऐसा न करने पर निर्माता और विक्रेता उपभोक्ता को टायरों की कीमत 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित अदा करेंगे। निर्माता और विक्रेता की सेवाओं में कमी के चलते उपभोक्ता को पहुंची परेशानी के बदले 3500 रुपये हर्जाना और 2500 रुपये शिकायत खर्च भी अदा करना होगा। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारद्वाज और सदस्यों रमा वर्मा और लाल सिंह ने सदर उपमंडल के घेरा(तल्याहड) गांव निवासी सरला देवा पत्नी गुरदेव सिंह की शिकायत को उचित मानते हुए नेरचौक स्थित बंसी लाल एंड संस शोरूम के प्रबंधक, इंटरनेशनल ट्रैक्टर लिमिटेड होशियारपुर के मालिक और बिलासपुर के अपोलो टायर के प्रबंधक को संयुक्त रूप से सेवाओं में कमी का दोषी माना गया है।
अधिवक्ता पुष्पराज शर्मा के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने इंटरनेशनल ट्रैक्टर के डीलर नेरचौक के शोरूम से एक ट्रैक्टर खरीदा था जिसमें अपोलो कंपनी के टायर लगे हुए थे। इन टायरों की 2400 घंटों की वारंटी अवधि थी। 700 घंटे के बाद ही दोनों पिछले टायर खराब हो गए। उपभोक्ता ने शोरूम में टायरों के बारे में शिकायत की। इसके बाद ट्रैक्टर कंपनी ने विशेषज्ञ से टायरों का निरीक्षण करवाया था। उपभोक्ता को जल्द टायर बदलने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन बाद में उपभोक्ता का मुआवजा इस आधार पर खारिज कर दिया गया था कि उपभोक्ता ने टायरों का प्रयोग लगातारअसमतल धरातल में किया था जिससे टायरों को क्षति पहुंची। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि टायर में खराबी निर्माणाधीन खराबी थी जो वारंटी अवधि में ही सामने आई थी। ऐसे में फोरम ने वारंटी अवधि में टायर न बदलने को सेवाओं में कमी मानते हुए तीस दिन में टायर बदलने के अलावा हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।

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