Thursday 15 September 2011

फोरम ने बिजली बोर्ड के बिल को निरस्त किया


मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड के उपभोक्ता को जारी 24,455 रूपये के बिल को निरस्त करने का फैसला सुनाया। फोरम ने बोर्ड को निर्देश जारी करते हुए 30 दिनों में नया बिल जारी करने का फैसला सुनाया। इसके अलावा औसत से अधिक बिल जारी करने को बोर्ड की सेवाओं में कमी करार देते हुए फोरम ने उपभोक्ता के पक्ष में 1500 रूपये हर्जाना और 1500 रूपये शिकायत भी अदा करने के आदेश दिए। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारद्वाज और सदस्य रमा वर्मा एवं लाल सिंह ने मंडी के थनेहडा मुहल्ला निवासी महिमा पुत्री गटु राम की शिकायत को उचित मानते हुए विद्युत बोर्ड के डिविजन नंबर एक के उपमंडलाधिकारी के खिलाफ उक्त फैसला सुनाया। अधिवक्ता पी पी गोयल के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने अपने मकान के लिये बोर्ड से बिजली का कुनेक्शन लिया है। उपभोक्ता को हर माह औसतन 350 से 450 रूपये का मासिक बिल आता था। लेकिन 25 सितंबर 2010 से 30 अकतुबर 2010 की अवधी के लिए बोर्ड की ओर से उपभोक्ता को 24,455 रूपये का बिल सौंपा गया। औसत से अत्याधिक बिल आने के कारण उपभोक्ता ने इस बारे में बोर्ड को ज्ञापन दिया था। लेकिन इस बारे में कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई। जिसके चलते उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। इस बारे में बोर्ड का कहना था कि उपभोक्ता के मकान के निरिक्षण के दौरान यह पाया गया था कि उपभोक्ता के पुरे मकान के लिए अवैध कुनेक्शन लिया है। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि बोर्ड यह साबित करने में नाकाम रहा कि उपभोकता ने बिजली की चोरी की है। फोरम ने कहा कि चोरी का पता लग जाने के बाद बोर्ड को विद्युत अधिनियम के तहत कार्यवाही करनी चाहिए थी। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। फोरम ने बोर्ड की सेवाओं में कमी आंकते हुए औसत से अधिक आए बिल को निरस्त करने के अलावा उपभोक्ता को पहुंची परेशानी के बदले हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।

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