Sunday 24 July 2011

जला हत्याकांड के दो आरोपी बरी


मंडी। उप-तहसील औट के जला गांव में हुए हरीराम हत्याकांड के आरोपियों पर अभियोग साबित न होने पर अदालत ने उन्हे बरी करने का फैसला सुनाया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों पर शंका से दूर अभियोग साबित नहीं कर पाया। फासट टै्रक कोर्ट के पीठासीन अधिकारी जे एन यादव के न्यायलय ने जला गांव निवासी भीमे राम्म और धार (थलौट) गांव निवासी रूप चंद के खिलाफ भादंसं की धारा 323,325 और 302 के तहत अभियोग साबित न होने पर उन्हे बरी कर दिया। अभियोजन पक्ष के अनुसार हरीराम 25 मई 2010 को अपने लडके अमर सिंह के साथ घर में सोया हुआ था। रात करीब 10 बजे वह शौच के लिए कमरे से बाहर गया। इसके बाद अमर सिंह ने जब आवाजें सुनी तो उसने कमरे से बाहर आकर देखा कि आरोपी उसके पिता को पीट रहे थे। मारपीट के बाद आरोपी मौका से भाग गये जबकि अमर सिंह ने अपने पिता को कमरे में पहुंचाया। सुबह होने पर उसने परिजनों को सुचित किया जिन्होने हरीराम को पी एच सी नंगवाईं में पहुंचाया। जहां से उसे पीजीआई ले जाया गया। पीजीआई में उसकी 31 मई को मौत हो जाने पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर अदालत में अभियोग चलाया था। इस मामले में अभियोजन की ओर से 20 गवाहों के बयान दर्ज करवाए गए जबकि बचाव पक्ष की ओर से भी एक गवाह ने बयान दर्ज करवाया। बचाव पक्ष के अधिवकता आर के शर्मा की दलील थी कि हरीराम शौच करने के दौरान घर के बरामदा से गिर गया था। जिससे उसे चोटें आई थी। अदालत ने आरोपियों के खिलाफ प्र्यापत साक्ष्य न होने के कारण उन्हे बरी करने का फैसला सुनाया।

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