मंडी। उपभोकता को लोन की सबसिडी न देने को सेवाओं में कमी मानते हुए जिला उपफोकता फोरम ने एक राषिट्रयकृत बैंक के प्रबंधक को उपभोकता के पक्ष में 1,75,000 रूपये की राशी अदा करने का फैसला सुनाया। इसके अलावा उपभोकता के पक्ष में बैंक को 10,000 रूपये हर्जाना और 3000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करना होगा। जिला उपभोकता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारदवाज और सदसय लाल सिंह देशबंधु ने सुंदरनगर के यू बी आफसेट प्रिंटर के मालिक निशी कांत जमवाल के पक्ष में फैसला सुनाते हुए सटेट बैंक आफ इंडिया की चतरोखडी(सुंदरनगर) शाखा के प्रबंधक को उकत राशी का भुगतान 9 प्रतिशत बयाज दर सहित करने के आदेश दिए। अधिवकता अभिषेक लखनपाल के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोकता ने खादी एवं ग्रामीण उदयोग बोर्ड के माध्यम से प्रिटिंग प्रेस लगाने के लिए उकत बैंक से लोन लिया था। इस लोन पर उपभोकता को 175000 रूपये सबसिडी दी जानी थी। उपभोकता ने तमाम दसतावेज बैैंक को सौंप कर सबसिडी की मांग की थी। लेकिन कई बार प्रार्थना करने के बावजुद भी उपभोकता के पक्ष में यह राशी जारी नहीं की गई। जिसके चलते उपभोकता को फोरम में शिकायत दर्ज करनी पडी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि बैंक अपने ग्राहक के प्रति असंवेदनशील रहा। यह बैैंक की जिममेवारी थी कि वह सबसिडी से संबंधित मामले को शिमला सिथत शाखा के समक्ष ले जाता। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि बैैंक से मिलने सबसिडी की राशी को लोन की राशी मे अडजसट किया जाए। जबकि ऐसा करने से बैैंक को होने वाले नुकसान की वसुली उन अधिकारियों से की जाए जिनके कारण यह नुकसान उठाना पडा। इससे न केवल उपभोकता की भरपाई होगी बल्कि यह सामाजिक बुराई को भी दूर करने में सहायक होगी। ïवहीं पर कार्य संसकृ ति बेहतर करने और दृषिटकोण बदलने में भी इससे सहायता मिल सकती है। फोरम ने शिकायत को उचित मानते हुए सबसिडी की राशी बयाज सहित अदा करने के अलावा बैंक की सेवाओं में कमी के चलते उपभोकता को पहुंची मानसिक यंत्रणा की एवज में हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।
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