Thursday 14 April 2011

नगर परिषद के गल्त निर्माण से मंडी के पीपल सूखने लगे हैं


समीर कश्यप
मंडी। एक तो पहले ही शहर में बहुत कम पेड़ रह गए हैं उस पर बचे हुए चुनिंदा पेडों के लिए भी सथानिय प्रशासन संवेदनशील नहीं है। मंडी शहर की शान गांधी चौक के ऐतिहासिक पीपल के पेड का असतित्व इसके इर्द-गिर्द हुए गल्त निर्माण के कारण इस समय खतरे में है। इसके अलावा शहर के अन्य करीब एक दर्जन पीपल के पेडों पर नगर परिषद के कंकरीट डाल देने से संकट में हैं। पेड़ों के तनों के चारों तरफ कंकरीट पडी होने के कारण इनकी जडों को माकूल हवा पानी न मिलने से इनके सुखने का संकट पैदा हो गया है। यहां की संसथा आर टी आई बयुरो ने इस मामले में पहल करते हुए मंडी में शहर में पीपल के पेडों के चारों ओर अवैज्ञानिक ढंग से की गई कंकरिटिंग को हटाने के बारे में उपायुकत अमनदीप गर्ग को एक ज्ञापन दिया। संसथा ने ऐलान किया है कि अगर यह कंकरीट नहीं हटाई गई तो बयुरो 15 अप्रैल हिमाचल दिवस से अपना आंदोलन शुरू कर देगा। आर टी आई बयुरो के संयोजक लवण ठाकुर ने बताया कि इससे पहले ïवन अरण्यपाल को भी ï इसकी शिकायत की जा चुकी है। लेकिन इस बारे में कोई कदम नहीं उठाया गया। उन्होने बताया कि रियासत काल में प्रजा की सुविधा के लिए राजाओं ने पीपल के थडे बनाए होते थे। ये पीपल आज भी मौजुद हैं लेकिन नगर परिषद ने इन पेडों के थडों के पत्थर हटा कर इनमें कंकरीट लगा दिया है। जिससे इन ऐतिहासिक थडों के असितित्व का संकट गहराता जा रहा है। उन्होने कहा कि आसथा के प्रतीक यह पेड़ हमारी धरोहर हैं इनको बचाने के लिए नागरिक समाज का आहवान किया।

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