मंडी। सगी बुआ के गहने लूटने और उसकी गैर इरादतन हत्या करने का आरोप साबित होने पर अदालत ने आरोपी भतीजे और उसके साथी को 5-5 साल के कठोर कारावास और पांच-2 हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना राशी निश्चित समय में अदा न करने पर आरोपियों को 3-3 माह की अतिरिकत कारावास भुगतनी होगी। फासट टै्रक कोर्ट के पीठासीन अधिकारी जे एन यादव के न्यायलय ने जिला बिलासपुर के मरहाना(घुमारवीं) निवासी जिमी ठाकुर और सरकाघाट उपमंडल के बसवातर(खुडला) निवासी कृश्न चंद को भादंसं की धारा 304-(2) और धारा 392 के तहत उकत सजा का फैसला सुनाया। उकत दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी। अभियोजन पक्ष के अनुसार तारा देवी तलाव गांव में अपने मकान में अकेली रहती थी। उसके बच्चे ग्वालियर में ट्रेनिंग कर रहे थे। 9 दिसंबर 2008 को गांव की महिला केसरी देवी तारा देवी के घर को दूध लेने गई तो दरवाजा खुला होने पर उसने तारा देवी को कमरे में मृत पाया। महिला के शोर मचाने पर वहां आए आसपास के लोगों ने पुलिस को सुचना दी। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर मृतका का पोसटमार्टम करवाया था। जिसमें चिकित्सकों ने महिला की मौत मुंह या गला दबा कर दम घुटने के कारण बताई थी। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की तो यह तथ्य सामने आया कि घटना वाली रात आरोपी जिमी ठाकुर और उसका दोसत कृशन चंद शराब के नशे में तारा देवी के घर पहुंचे । तारा देवी जिमी की बुआ लगती थी। तारा ने उनको चाय पिलाने के बाद दूसरे कमरे में सुलाया था। रात को दोनों आरोपियों ने तारा देवी की हत्या कर उसके गहने आदि लूट लिए और वहां से फरार हो गए। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए लोक अभियोजक जे के लखनपाल और आर के कौशल ने मामले को साबित किया। अदालत ने आरोपियों पर गहनों की लूट और गैर इरादतन हत्या का अभियोग साबित होने पर उकत सजा सुनाई।
No comments:
Post a Comment