मंडी। शहर के साथ लगते रोपा(अरढा) गांव के अनिल कुमार की हत्या के आरोपी अभी तक पुलिस के हत्थे नहीं चढ पाए हैं। पुलिस अपराध के करीब डेढ महीने के बाद भी पुलिस हत्यारों को अपने कबजे में नहीं ले सकी। पुलिस के धीमी गति में चल रही तहकीकात से आक्रोशित मृतक के पिता जय सिंह, भाजपा मंडलाध्यक्ष और जिला परिषद सदसय श्याम लाल, पंचायत प्रधान मान सिंह की अगुवाई में ग्रामीणों ने कडी कार्यवाही की मांग करते हुए जिला पुलिस अधीक्षक को वीरवार को ज्ञापन सौंपा। उन्होने बताया कि अनिल कुमार की पीजाआई चंडीगढ में विगत 12 जून को मौत हो गई है। लेकिन पुलिस अनिल की मौत के 5 दिन के बाद भी इस मामले में संलिप्त आधा दर्जन से अधिक आरोपियों में से एक भी आरोपी अभी तक पकड में नहीं आ सका है। जबकि आरोपी खुले आम शहर में घूम रहे हैं। उल्लेखनीय है कि 12 मई 2011 को महिन्द्र सिंह, अनिल और कमलेश एक शादी में शरीक होने अपनी वैन में नेरी गांव गए थे। जैसे ही वह अपनी गाडी को लाक कर रहे थे तो इसी दौरान बैंड पार्टी के सदसय पवन, पूर्ण चंद, काकू, अमर सिंह, किशोरी, चुडामणी और हरीश उनके पास आए और बिनावजह से धककामुककी करने लगे। आरोपियों ने अनिल कुमार को मुककों, पत्थरों और बैण्ड बाजों के साथ बुरी तरह से मारा और गाडी भी तोड दी थी। किसी तरह आरोपियों के चंगुल से छुडा कर अनिल को क्षेत्रीय असपताल में भरती करवाया था। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भादंसं की मामुली धाराओं 147,149,341,323 और 427 के तहत मामला दर्ज किया था। जिस पर आरोपियों ने जिला एवं सत्र न्यायलय में अग्रिम जमानत के लिए याचिकाएं दायर की थी। लेकिन इस बीच घायल अनिल कुमार की हालत बिगड गई और उसे पीजीआई चंडीगढ को रैफर कर दिया गया। जबकि आरोपी जमानत का लाभ उठाते रहे। हालांकि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में धारा 326 जोड दी थी। लेकिन आरोपियों को इस धारा के तहत भी हिरासत में नहीं लिया गया। इस बीच अनिल की मौत के बाद आरोपियों ने वीरवार को अदालत में दायर अपनी याचिकाएं भी खारिज करवा दी हैं। जिससे उनके भूमिगत हो जाने की संभावना है। इधर, जिला पुलिस अधीक्षक पीडीपी प्रसाद ने बताया कि आरोपियों की धरपकड के लिए टीमें तैनात कर दी गई हैं। उन्होने कहा कि जल्द ही आरोपी पुलिस की गिरफत में होंगे।
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