मंडी। जिला उपभोकता फोरम ने उपायुकत मंडी, कापिंग एजेंसी के प्रभारी जीए टु डीसी और तहसीलदार सदर को उपभोकता के पक्ष में 5000 रूपये की राशी बतौर हर्जाना एक माह में अदा करने के आदेश दिए। ऐसा न करने पर इस राशी का भुगतान 9 प्रतिशत बयाज दर सहित शिकायत दर्ज करवाने की तिथी से करना होगा। जिला उपभोकता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारदवाज और सदसय लाल सिंह ने सदर उपमंडल के सैहल(पैडी) गांव निवासी भागी पुत्र जसवंत सिंह की शिकायत को उचित मानते हुए उन्हे निशानदेही रिर्पोट की कापी मुहैया न करवाने पर उपायुकत और अन्यों को 3000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया। हालांकि फोरम ने कहा कि उपायुकत के राशी की अदायगी कर देने के बाद इस मामले में जिममेवार कर्मियों से उकत राशी वसुली की वसुली की जा सकती है। अपने फैसले में फोरम ने कहा कि जब सरकारी औहदेदार दुर्भावनापुर्ण और दमनकारी तरीके से शकतियों का प्रयोग करके अपने कार्य को करते हैं तो इससे लोगों को यंत्रणा और परेशानी का शिकार होना पडता है। अधिवकता हुकम चंद शर्मा के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोकता ने 13 दिसंबर 2009 को फील्ड कानूनगो दवारा की गई उनकी जमीन की निशानदेही की रिर्पोट के लिए उपायुकत कार्यालय की कापिंग एजेंसी में आवेदन किया था। उपभोकता को 7 जनवरी 2010 को नकल दी जानी थी। लेकिन जब वह कापिंग एजेंसी गए तो उन्हे बताया गया कि उनकी फाईल अभी तहसील से नहीं आई है। जिस पर उपभोकता तहसीलदार सदर के पास गये तो उन्हे आश्वासन दिया गया कि फाईल जल्दी ही भेज दी जाएगी। लेकिन कई बार कहने के बाद भी फाईल कापिंग एजेंसी को नहीं भेजी गई। इसी बीच उपभोकता 45 दिनों की तीर्थयात्रा को चले गए। लेकिन तीर्थयात्रा करके लौट आने के बाद भी उन्हे कापी नहीं दी जा सकी। जिसके चलते उन्होने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम ने उपभोकता को कापी न देने को सेवाओं में कमी मानते हुए हर्जाना और शिकायत व्यय अदा करने के आदेश दिए।
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